ऊपर दिए गए लंबे मंत्र की तरह यह भी लंबा है, लेकिन उच्चारण में सरल है। वह इस प्रकार है- इसीलिए इनके विसर्जन को लेकर ध्यान रखें. हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया। Tags: pati ko vash me karne ke lal kitab ke totke, pati ko vash me karne ke https://maps.app.goo.gl/7R8QDfUdiadsP3BH7