ॐ ह्रीँ कुर्कुटोरगवाहिन्यै पद्मायत्यै नमः । मनुष्य के जीवन में चाहे आन्तरिक शत्रु जैसे काम, क्रोध, लोभ,मोह, अहंकार आदि हों या बाहर के शत्रु हों तो जीवन की गति थम सी जाती है ॐ पीर बजरङ्गी राम लक्ष्मण के सङ्गी जहाँ जहाँ जाय फ़तेह के डंके बजाय माता अञ्जनी https://knoxagkml.blogitright.com/32474593/the-5-second-trick-for-most-powerful-sarv-karya-sidh-shabar-mantra-karya-siddhi-shabar-mantra-most-powerful-shabar-mantra